महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं मशरूम दीदी कंचन कुमारी, इस प्रकार करतीं हैं खेती, महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर

बांके बाजार प्रखंड के दीघासीन गांव की रहने वाली कंचन कुमारी ने क्षेत्र में अपनी मेहनत और लगन से मशरूम का अलग-अलग तरीके से उत्पादन कर आत्मनिर्भरता की राह चुन ली है। अब वे ना सिर्फ मशरूम का उत्पादन कर रहीं हैं, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रहीं हैं। कंचन कुमारी प्लास्टिक की डोलची में मशरूम उगाकर कम से कम जगह में अधिक उत्पादन प्राप्त कर रहीं हैं।

महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं मशरूम दीदी कंचन कुमारी, इस प्रकार करतीं हैं खेती, महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर
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GAYA : दिल में जज्बा हो और कुछ करने की लगन हो तो समस्याएं आड़े नहीं आती। इसे साबित कर दिखाया है गया की कंचन कुमारी ने। पहाड़ का सीना चीरकर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी से प्रेरित गया जिले के बांके बाजार प्रखंड के दीघासीन गांव की रहने वाली कंचन कुमारी ने क्षेत्र में अपनी मेहनत और लगन से मशरूम का अलग-अलग तरीके से उत्पादन कर आत्मनिर्भरता की राह चुन ली है। अब वे ना सिर्फ मशरूम का उत्पादन कर रहीं हैं, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रहीं हैं। कंचन कुमारी प्लास्टिक की डोलची में मशरूम उगाकर कम से कम जगह में अधिक उत्पादन प्राप्त कर रहीं हैं।

 डोलची की लागत कम होती है, जिससे मशरूम उगाने में कम लागत आती है। साथ ही, रखरखाव का खर्च भी कम होता है। इससे श्रम की भी बचत होती है। कंचन कुमारी बतातीं हैं कि 2022 में 25 बैग मशरूम उत्पादन कर अपने बिजनेस की शुरुआत की थी। अपनी लगन और मेहनत से आज सभी तरह के मशरूम उगाने के  साथ इमामगंज, डुमरिया, चतरा, आमस और गया शहर में भी बाल्टी और डोलची मशरूम तैयार करने के लिए महिलाओं को प्रेरित कर रहीं हैं।कंचन अपने माध्यम से महिलाओं को न सिर्फ रोजगार से जोड़ रहीं हैं, बल्कि उन्हें समाज में आत्मनिर्भर बनाकर नई पहचान दे रहीं हैं।

 दलित परिवार से आने वाली कंचन कुमारी का मानना है कि खेती में महिलाओं का योगदान कम है। खासकर दलित-महादलित के पास खेत भी नहीं होते, ऐसे में कम खर्चे में घर में ही रोजगार उन्होंने ढूंढ लिया है। शुरुआत में बैग, फिर बाल्टी और अब डोलची में मशरूम उगा रहीं हैं। कंचन कुमारी के इस प्रयोग को कृषि विभाग ने भी सराहा है, और उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया है। गया एयरपोर्ट से कार्गो विमान सेवा शुरू होने की घोषणा के बाद अब कंचन कुमारी सब्जी उत्पादन पर भी फोकस कर रहीं हैं।